Sunday, March 25, 2012
वैष्णव जन तो .... Gandhiji's Favourite Bhajan...
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे
पीड़ा पराई जाने रे
पर दुख्खे उपकार करे तोये
मन अभिमान न आने रे
सकल लोक मान सहने वन्दे
निंदा न करे केनी रे
वाच काछ मन निश्छल राखे
धन धन जननी तेनी रे
सम दृष्टि ने तृष्णा त्यागी
पर स्त्री जेने मात रे
जिव्हा थकी असत्य न बोले
पर धन नव झाली हाथ रे
मोह माया व्यापे नहीं जेने
दृढ वैराग्य जेना मन मान रे
राम नाम शून ताली लागी
सकल तीरथ तेना तन मान रे
वन लोभी ने कपट रहित छे
काम क्रोध निवार्य रे
भने नरसैय्यो तेनुं दर्शन करता
कुल एकोतेर तार्य रे
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